Description
यह सीरप निम्नलिखित समस्याओं में लाभकारी है:
सायटिका (Sciatica),
जोड़ों का दर्द,
पीठ दर्द,
गर्दन का अकड़ना,
पक्षाघात (Paralysis),
सूजन (Inflammation),
मांसपेशियों का दर्द,
कंपन (Tremors),
अर्धांगवात (Face Paralysis),
घुटनों की सूजन,
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विस्तृत जानकारी:
> वात के असंतुलन से शरीर में जो विकार उत्पन्न होते हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, अकड़न, सूजन, पीठ दर्द, गर्दन का जाम होना, पक्षाघात, हाथ-पैर में कंपन आदि – इन सबमें यह सीरप लाभकारी है।
यह वात नाड़ी वेदना, आमवात, संधिशोथ, कम्पवात, अर्धांगवात, गृध्रसी, गाठिया, गठिया, स्नायुविक रोग आदि में लाभ पहुंचाता है।
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सेवन विधि (Dosage):
मात्रा: 15–30 मि.ली. (लगभग 1 ढक्कन)
कैसे लें: आधा कप गुनगुने पानी के साथ दिन में तीन बार भोजन से पहले
या फिर चिकित्सक की सलाह अनुसार सेवन करें।
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